माँ वैभव लक्ष्मी व्रत कथा | Vaibhav Lakshmi Vrat Katha
माँ वैभव लक्ष्मी व्रत कथा वैभव लक्ष्मी व्रत कथा इस प्रकार है एक समय की बात थी शीला नाम की स्त्री अपने पति के साथ …
माँ वैभव लक्ष्मी व्रत कथा वैभव लक्ष्मी व्रत कथा इस प्रकार है एक समय की बात थी शीला नाम की स्त्री अपने पति के साथ …
शिव मृतसंजीवन स्तोत्र शिव मृतसंजीवन स्तोत्र: श्री मृतसंजीवन स्तोत्र भगवान शिव को समर्पित है। मृतसंजीवन स्तोत्र का अर्थ है मृत्यु से बचाने का कवच। इस …
कर्पूरगौरं करुणावतारम् मंत्र शिव यजुर मंत्र, जिसे कर्पूरगौरं करुणावतारम् मंत्र के नाम से भी जाना जाता है, सबसे प्रसिद्ध शिव मंत्रों में से एक है। …
भगवान की अद्भुत रचना है मां एक बच्चा दुनिया में कदम रखने से पहले अपने असली घर मतलब परमधाम (स्वर्ग) में रहता था| वह बच्चा …
अग्नि आवाहन मंत्र ॐ अग्नये स्वाहा। इदं अग्नये इदं न मम॥ अग्नि गायत्री मंत्र ऊँ महाज्वालाय विद्महे अग्नि मध्याय धीमहि |तन्नो: अग्नि प्रचोदयात || अर्थ …
संकट चौथ व्रत कथा इस व्रत को संकट चौथ और तिलकुटा पर्व के नाम से भी जाना जाता है। संकट चौथ के दिन गौरी पुत्र …
बद्रीनाथ धाम मंदिर बद्रीनाथ धाम भारत के उत्तराखंड राज्य के बद्रीनाथ शहर में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। बद्रीनाथ मंदिर चार …
लक्ष्मी जी की सवारी उल्लू क्यों है कार्तिक अमावस्या के दिन सभी पशु-पक्षी आंखे बिछाए लक्ष्मीजी की राह देखने लगे रात में जैसे ही लक्ष्मीजी …
महाभारत में श्रीकृष्ण ने बताया था कलियुग का हाल महाभारत के समय पांचों पाण्डवों ने भगवान श्रीकृष्ण से कलियुग के बारे बारे में विस्तार से …
काठगढ़ महादेव का मंदिर का इतिहास काठगढ़ महादेव का मंदिर हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा से लेकर इंदौरा से 7 किलोमीटर दूर स्थित है| इस मंदिर …
तारा रानी की कथा माता के जागरण में माता तारा रानी देवी की कथा कहने सुनने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही …
आरती कीजै हनुमान लला की आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥ जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके॥ अंजनि …
संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा Sanakashti Chaturthi एक बार सभी देवी-देवता बहुत परेशान थे और उस समस्या से छुटकारा पाने के लिए वे सभी भगवान भोलेनाथ …
भगवान धन्वंतरि जी की आरती जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा॥जय धन्वंतरि देवा… तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश …
श्री नरसिंह भगवान की आरती ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, जन का ताप हरे॥ ॐ …