अग्नि आवाहन मंत्र


ॐ अग्नये स्वाहा। इदं अग्नये इदं न मम॥

अग्नि गायत्री मंत्र


ऊँ महाज्वालाय विद्महे अग्नि मध्याय धीमहि |
तन्नो: अग्नि प्रचोदयात ||

अर्थ : ओम। मैं महान ज्योति की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा हूं, ओह! अग्नि देवता मुझे बुद्धि प्रदान करें, हे अग्नि देव! अग्नि के तेजस्वी देव कृपा मेरे मन को अपने प्रकाश से रोशन करें।

हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने का मंत्र

१. ॐ वं वहि तुभ्यं नमः

२. ॐ भूपतये स्वाहा,

ॐ भुवनप,

ॐ भुवनपतये स्वाहा ।

ॐ भूतानां पतये स्वाहा ।।

अग्नि आवाहन मंत्र
अग्नि आवाहन मंत्र

FAQ’S

  1. अग्नि देव को कैसे प्रसन किया जाता है?

    अग्नि देव को प्रसन करने के लिए कोई भी हवन करने से पहले अग्नि देव की पूजा करनी चाहिए|

  2. अग्नि देव का दूसरा नाम क्या है?

    अग्नि देव का दूसरा नाम वैश्वानर है|

  3. अग्नि देव की पत्नी का नाम क्या है?

    अग्नि देव की पत्नी का नाम स्वाहा है|