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आर्त त्राण परायण गंगाधर अष्टकम | Artatrana Parayana Gangadhar Ashtakam
आर्त त्राण परायण गंगाधर अष्टकम आर्त त्राण परायण गंगाधर अष्टकम क्षीराम्भोनिधिमन्थनोद्भवविषात् संदह्यमानान् सुरान्, ब्रह्मादीनवलोक्य यः करुणया हालाहलाख्यं