श्री झूलेलाल चालीसा
॥ दोहा ॥जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप ।अमर उडेरो लाल जय,झुलेलाल अनूप ॥ ॥ चौपाई ॥ रतनलाल रतनाणी …
॥ दोहा ॥जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप ।अमर उडेरो लाल जय,झुलेलाल अनूप ॥ ॥ चौपाई ॥ रतनलाल रतनाणी …
ॐ जय दूलह देवा,साईं जय दूलह देवा ।पूजा कनि था प्रेमी,सिदुक रखी सेवा ॥ तुहिंजे दर दे केई,सजण अचनि सवाली …