श्री कृष्ण कृत शिव पञ्चरत्नंम स्तुति|Shiva Pancharatnam Stuti
श्रीकृष्ण कृत शिव पञ्चरत्नम् स्तुति भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होने वाले देव है | शंकर जी को प्रसन्न करने और …
श्रीकृष्ण कृत शिव पञ्चरत्नम् स्तुति भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होने वाले देव है | शंकर जी को प्रसन्न करने और …
शिव भुजंगम Shiva Bhujangam Shiva Bhujanga गलद्दानगण्डं मिलद्भृङ्गषण्डं चलच्चारुशुण्डं जगत्त्राणशौण्डम् । कनद्दन्तकाण्डं विपद्भङ्गचण्डं शिवप्रेमपिण्डं भजे वक्रतुण्डम् ॥ १ ॥ …
सशक्ति शिवनवकम् Sashakti Shiva Navakam वेदशास्त्रपुराणेतिहासकाव्यकलादिषु। विज्ञानं देहि मे ऐं नमः क्लीं शिवाय सौ॥१॥ चतुर्द्शासु विद्यासु चतुष्षष्टिकलासु च। …
शिव जय जयकार ध्यान स्तोत्रम् स्फटिकप्रतिभटकान्त विरचितकलिमलशान्त । शिव शंकर शिव शंकर जय कैलासपते ॥ १ ॥ गंगाधरपिंगलजट …
श्री शिव कैलाश अष्टोत्तर शतनामावली ॐ श्रीमहाकैलासशिखरनिलयाय नमोनमः । ॐ हिमाचलेन्द्रतनयावल्लभाय नमोनमः । ॐ वामभागकलत्रार्धशरीराय नमोनमः । ॐ विलसद्दिव्यकर्पूरदिव्याभाय नमोनमः …
रूद्र गायत्री मंत्र ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥ Aum Bhur Bhuvah Swaha Aum Tadpurushaaya Vidvamahe, Mahadevaaya …
शिव लिंगाष्टकम ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गम् निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गम् तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गम् कामदहम् करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गम् तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ …
शिव मंत्र भगवान शिव भोलेनाथ आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और उनके आशिर्वाद में शिव मंत्र का जाप करने …
बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर भारत के …
शंकर भगवान की स्तुति आशुतोष सशाँक शेखर चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू कोटि नमन दिगम्बरा, निर्विकार …
श्री शिव अष्टोत्तर शतनामावली ॐ शिवाय नमः । ॐ महॆश्वराय नमः । ॐ शंभवॆ नमः । ॐ पिनाकिनॆ नमः …
मार्ग सहाय लिङ्ग स्तुति पयोनाधि थीर निवास लिङ्गं, बालार्क कोटि प्रथिमं त्रिनेथ्रं । पद्मस्नेरचिथ दिव्य लिङ्गं, वन्धामहे मार्ग …
शिव के 108 नाम शिव – कल्याण स्वरूप महेश्वर – माया के अधीश्वर शम्भू – आनंद स्वरूप वाले पिनाकी – …
श्री रुद्र कवचम् ॥ रुद्रकवचम् ( स्कंदपुराण ) ॥ ॥ अथ श्री रुद्रकवचम् ॥ ॐ अस्य …
शिव कवच संस्कृत में Shiva Kavacham वज्रदंष्ट्रं त्रिनयनं कालकण्ठमरिन्दमम्। सहस्रकरमत्युग्रं वन्दे शंभुमुमापतिम् ॥१॥ अथो परं सर्वपुराणगुह्यं निश्शेषपापौघहरं पवित्रम्। …