गर्भ गीता | Garbh Geeta
गर्भ गीता स्तुत संवाद गर्भ गीता से लिया गया है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण तथा उनके प्रिय भक्त एवं सखा अर्जुन …
गर्भ गीता स्तुत संवाद गर्भ गीता से लिया गया है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण तथा उनके प्रिय भक्त एवं सखा अर्जुन …
हिन्दू धर्म के अनुसार इस संसार की प्रत्येक रचना की मूल आत्मा “ओम” है। चतु:श्लोकी भगवत् के चार श्लोक भगवत …
जय भगवद् गीते, जय भगवद् गीते ।हरि-हिय-कमल-विहारिणि,सुन्दर सुपुनीते ॥ कर्म-सुमर्म-प्रकाशिनि,कामासक्तिहरा ।तत्त्वज्ञान-विकाशिनि, विद्या ब्रह्म परा ॥जय भगवद् गीते…॥ निश्चल-भक्ति-विधायिनि, निर्मल मलहारी …
श्री भागवत भगवान की आरती श्री भागवत भगवान की है आरती,पापियों को पाप से है तारती ये अमर ग्रन्थ ये …
भगवद गीता अध्याय 18 अर्जुन उवाचसन्न्यासस्य महाबाहो तत्त्वमिच्छामि वेदितुम् ।त्यागस्य च हृषीकेश पृथक्केशिनिषूदन ৷৷18.1৷৷ गीता श्लोक हिंदी अर्थ सहित : …
भगवद गीता अध्यायः 17 अर्जुन उवाचये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः।तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः৷৷17.1৷৷ भावार्थ :अर्जुन बोले- हे कृष्ण! …
भगवद गीता अध्याय 16 श्रीभगवानुवाचअभयं सत्त्वसंशुद्धिर्ज्ञानयोगव्यवस्थितिः।दानं दमश्च यज्ञश्च स्वाध्यायस्तप आर्जवम्॥16.1॥ भावार्थ : श्री भगवान बोले- भय का सर्वथा अभाव, अन्तःकरण …
भगवद गीता अध्याय 15 श्रीभगवानुवाचऊर्ध्वमूलमधः शाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् ।छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित् ৷৷15.1৷৷ गीता श्लोक अर्थ : श्री …
भगवद गीता अध्याय 14 श्रीभगवानुवाचपरं भूयः प्रवक्ष्यामि ज्ञानानं मानमुत्तमम् ।यज्ज्ञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिमितो गताः ॥ (१) गीता श्लोक भावार्थ …
भगवद गीता अध्यायः 13 ज्ञानसहित क्षेत्र अर्जुन उवाचप्रकृतिं पुरुषं चैव क्षेत्रं क्षेत्रज्ञमेव च ।एतद्वेदितुमिच्छामि ज्ञानं ज्ञेयं च केशव ৷৷13.1৷৷ भगवद …
भगवद गीता अध्यायः 12 अर्जुन उवाच एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते ।ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥ गीता श्लोक अर्थ …
भगवद गीता अध्याय 11 : विराट रूप मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम् |यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोSयं विगतो मम || १ || गीता श्लोक …
भगवद गीता अध्याय 10 : श्रीभगवान् का ऐश्वर्य श्रीभगवानुवाचभूय एव महाबाहो शृणु मे परमं वचः |यत्तेSहं प्रीयमाणाय वक्ष्यामि हितकाम्यया || …
भगवद गीता अध्याय 9 : परम गुह्य ज्ञान श्रीभगवानुवाचइदं तु ते गुह्यतमं प्रवक्ष्याम्यसूयवे |ज्ञानं विज्ञानसहितं यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेSश्रुभात् || १ || …
भगवद गीता अध्याय 8 : भगवत्प्राप्ति किं तद्ब्रह्म किमध्यात्मं किं कर्म पुरुषोत्तम |अधिभूतं च किं प्रोक्तमधिदैवं किमुच्यते || १ || …