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भगवद गीता अध्याय 11 : विराट रूप | गीता ज्ञान
भगवद गीता अध्याय 11 मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसंज्ञितम् |यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोSयं विगतो मम || १ ||