[Shiv Bhajan ] जदो निकली कैलाशो गज भज के बरात मेरे भोले दी || jadho nikali Kailasho Ghz Bhz ke Baraat




इक्कठे हो गये भगत ने सारे भजे ढोल की शंख नगाड़े,

नच्दे भगत भोले दे प्यारे लाउंदे ओह जयकारे,
जदो निकली कैलाशो गज भज के बरात मेरे भोले दी,

हसदियाँ नाले ताने देवन गोरा नु ओह्दी सखियाँ,
भुत प्रेता वाल नाल सोच तू लाइयाँ अखियां,
करदियां टिचरा वेख के ओह पुछाक मेरे भोले दी,
जदो निकली कैलाशो गज भज के बरात मेरे भोले दी,

ना घोडा न हाथी आया बेल दी करके सवारी,
मल के बसम भोले ने देह अपनी असवारी,
गल लटके नागा दी माला,
डमरू हथ मेरे भोले दे,
जदो निकली कैलाशो गज भज के बरात मेरे भोले दी,

कोई ढोलक ते कोई छैना ते कोई शंख बजावे,
लिखे सुभाश ते भजन मेहता गा गा भंगड़े भावे,
जो कोले दी माँ दे सब सौगात मेरे भोले दी  


 




Leave a comment