राधा जी के पैरों का चरणामृत क्यों पीना पड़ा था श्री कृष्ण को – Kiyu Piya Krishan Ne Radha ke Pairo ka Pani ?
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श्री कृष्ण तथा राधा के प्रेम से कोई अनजान नही है। उनके जीवन से जुड़े ऐसे अनेक प्रसंग है जो हमें राधा कृष्ण के अटूट प्रेम की याद दिलाते हैं। उनमें से एक प्रसिद्ध प्रसंग चरणामृत से जुड़ा हुआ है |
चरणामृत से सम्बन्धित एक पौराणिक गाथा काफी प्रसिद्ध है जो हमें श्रीकृष्ण एवं राधाजी के अटूट प्रेम की याद दिलाती है। कहते हैं कि एक बार नंदलाल काफी बीमार पड़ गए। कोई दवा या जड़ी-बूटी उन पर बेअसर साबित हो रही थी। तभी श्रीकृष्ण ने स्वयं ही गोपियों से एक ऐसा उपाय करने को कहा जिसे सुन गोपियां दुविधा में पड़ गईं।
दरअसल श्रीकृष्ण ने गोपियों से उन्हें चरणामृत पिलाने को कहा। उनका मानना था कि उनके परम भक्त या फिर जो उनसे अति प्रेम करता है तथा उनकी चिंता करता है यदि उसके पांव को धोने के लिए इस्तेमाल हुए जल को वे ग्रहण कर लें तो वे निश्चित ही ठीक हो जाएंगे।
पौराणिक गाथा- क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत
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लेकिन दूसरी ओर गोपियां और भी चिंता में पड़ गईं। श्रीकृष्ण उन सभी गोपियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे, वे सभी उनकी परम भक्त थीं लेकिन उन्हें इस उपाय के निष्फल होने की चिंता सता रही थी।
उनके मन में बार-बार यह आ रहा था कि यदि उनमें से किसी एक गोपी ने अपने पांव के इस्तेमाल से चरणामृत बना लिया और कृष्णजी को पीने के लिए दिया तो वह परम भक्त का कार्य तो कर देगी। परन्तु किन्हीं कारणों से कान्हा ठीक ना हुए तो उसे नर्क भोगना पड़ेगा।
अब सभी गोपियां व्याकुल होकर श्रीकृष्ण की ओर ताक रहीं थी और किसी अन्य उपाय के बारे में सोच ही रहीं थी कि वहां कृष्ण की प्रिय राधा आ गईं। अपने कृष्ण को इस हालत में देख के राधा के तो जैसे प्राण ही निकल गए हों।
जब गोपियों ने कृष्ण द्वारा बताया गया उपाय राधा को बताया तो राधा ने एक क्षण भी व्यर्थ करना उचित ना समझा और जल्द ही स्वयं के पांव धोकर चरणामृत तैयार कर श्रीकृष्ण को पिलाने के लिए आगे बढ़ी।
राधा जानतीं थी कि वे क्या कर रही हैं। जो बात अन्य गोपियों के लिए भय का कारण थी ठीक वही भय राधा को भी मन में था लेकिन कृष्ण को वापस स्वस्थ करने के लिए वह नर्क में चले जाने को भी तैयार थीं।
आखिरकार कान्हा ने चरणामृत ग्रहण किया और देखते ही देखते वे ठीक हो गए। क्योंकि वह राधा ही थीं जिनके प्यार एवं सच्ची निष्ठा से कृष्णजी तुरंत स्वस्थ हो गए। अपने कृष्ण को निरोग देखने के लिए राधाजी ने एक बार भी स्वयं के भविष्य की चिंता ना की और वही किया जो उनका धर्म था।
🙏🙏🙏 Shri Radha Krishnay Namah 🙏🙏🙏
Very nice work .If possible please please please put a descent photo of Radha Krishna .