माँ मातंगी स्तुति
श्यामवर्णा, त्रिनयना
मस्तक पर चंद्रमा
चतुर्भुजा, दिव्यास्त्र लिये
रत्नाभूषण धारिणी
गजगामिनी ,महाचांडालनी
माँ मातंगी !
सर्व लोक वशकारिणी, महापिशाचिनी
कला, विद्या, ज्ञान प्रदायिनी
मतन्ग कन्या माँ मातंगी
हम साधक शुक जैसे हैं
ज्ञान दिला दो हमको माँ
हम करते तेरा ध्यान निरंतर
आपका हे माँ मातंगी!!
