पौराणिक धर्मग्रंथों के अनुसार हर साल सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पूजा का विधान है। इसी पंचम तिथि को नागपंचमी के नाम से जानते है। इस दिन व्रत रखके नाग देवता की पूजा करनी चाहिए और एक बार भोजन करना चाहिए।
ब्रह्म लोके च ये सर्पाः शेषनागाः पुरोगमाः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥१॥
विष्णु लोके च ये सर्पाः वासुकि प्रमुखाश्चये । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥२॥
रुद्र लोके च ये सर्पाः तक्षकः प्रमुखास्तथा । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥३॥
खाण्डवस्य तथा दाहे स्वर्गन्च ये च समाश्रिताः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥४॥
सर्प सत्रे च ये सर्पाः अस्थिकेनाभि रक्षिताः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥५॥
प्रलये चैव ये सर्पाः कार्कोट प्रमुखाश्चये । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥६॥
धर्म लोके च ये सर्पाः वैतरण्यां समाश्रिताः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥७॥
ये सर्पाः पर्वत येषु धारि सन्धिषु संस्थिताः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥८॥
ग्रामे वा यदि वारण्ये ये सर्पाः प्रचरन्ति च । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥९॥
पृथिव्याम् चैव ये सर्पाः ये सर्पाः बिल संस्थिताः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥१०॥
रसातले च ये सर्पाः अनन्तादि महाबलाः । नमोऽस्तु तेभ्यः सुप्रीताः प्रसन्नाः सन्तु मे सदा ॥११॥
नाग स्तोत्र के फायदे
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सर्पों को भगवान शिव का गहना माना जाता है और इनकी पूजा से महादेव जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तो को मनवांछित फल देते हैं
नाग पंचमी के दिन पूजा करने पर सांपो से से किसी भी प्रकार की हानि का भय नहीं रहता | अगर आपको सर्पो से डर लगता हैं तो भी आपको नागपंचमी को नाग की पूजा करनी चाहिए
नागों को धन का सरंक्षक माना गया हैं | देवी देवताओं के खजाने की रखवाली नाग ही करते हैं | नागों की पूजा करके शक्ति और अपार धन को प्राप्त किया जा सकता है |
कुंडली में राहु-केतु की दशा ठीक ना हो तो नागपंचमी के दिन नागों की पूजा का लाभ पाया जा सकता हैं |
कुंडली में अगर काल सर्प दोष हो,ऐसे जातको को इस दिन नाग पूजा करने से इस दोष से मुक्ति मिल जाती है| यह दोष आपकी कुंडली में तब आता है जब आपके सारे ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं |
इसके अलावा राहु-केतु की वजह से यदि जीवन में कोई मुश्किल या बाधा आ रही है, तो नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने पर राहु-केतु का दोष प्रभाव कम हो जाता है |
कुंडली में विषकन्या या अश्वगंधा योग हो, तो ऐसे जातको को इस दिन नाग पूजा जरूर करनी चाहिए |
नागपंचमी पूजा मंत्र
नागपंचमी की पूजा आप निचे लिखे हुए 4 मंत्रो में से किसी भी मंत्र का उच्चारण करके कर सकते हैं
- ‘ऊं श्री भीलट देवाय नम:
- ‘ऊं भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।’
- ‘सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:,’ ‘
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।’
- अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
FAQs
नाग पूजा स्तोत्र का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
नाग स्तोत्र का पाठ करने से आपकी मनोकामनाओ की पूर्ति होती है
नाग पंचमी कब है 2023 में?
21 August 2023
नाग पूजा स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?
नाग पंचमी के दिन नाग देवता जी की पूजा के बाद नाग स्त्रोत का पाठ करना चाहिए