श्री नरसिंह ऋण मोचन स्तोत्र
ॐ देवानां कार्यसिध्यर्थं सभास्तम्भसमुद्भवम् ।
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ १॥
लक्ष्म्यालिङ्गितवामाङ्गं भक्तानामभयप्रदम् ।
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ २॥
प्रह्लादवरदं श्रीशं दैतेश्वरविदारणम् ।
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ ३॥
स्मरणात्सर्वपापघ्नं कद्रुजं विषनाशनम् ।
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ ४॥
अन्त्रमालाधरं शङ्खचक्राब्जायुधधारिणम् ।
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ ५॥
सिंहनादेन महता दिग्दन्तिभयदायकम् ।
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ ६॥
कोटिसूर्यप्रतीकाशमभिचारिकनाशनम् ।
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॥ ७॥
वेदान्तवेद्यं यज्ञेशं ब्रह्मरुद्रादिसंस्तुतम् ।
श्रीनृसिंहं महावीरं नमामि ऋणमुक्तये ॐ ॥ ८॥
इदं यो पठते नित्यं ऋणमोचकसंज्ञकम् ।
अनृणीजायते सद्यो धनं शीघ्रमवाप्नुयात् ॥ ९॥
॥ इति श्रीनृसिंहपुराणे ऋण मोचन स्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
श्री नरसिंह ऋण मोचन स्तोत्र के लाभ
- श्री नरसिंह ऋण मोचन स्तोत्र का पाठ करने से चमत्कारिक लाभ होते है
- श्री नरसिंह ऋण मोचन स्तोत्र के पाठ से किसी भी प्रकार का क़र्ज़ हो उस से मुक्ति मिल जाती है
- इस पाठ को करने से धन संबंधी कोई परेशानी नहीं होती है
- इस पाठ को करने से लक्ष्मी माता की अपार कृपा होती है
- यह पाठ बहुत ही फलदायक है
श्री नरसिंह ऋण मोचन स्तोत्र की विधि
- श्री नरसिंह ऋण मोचन स्तोत्र का पाठ ब्रम्मुहृत में करना शुभ माना जाता है
- लक्ष्मी नारायण जी के साथ नरसिंह देवता जी की भी पूजा करनी चाहिए
- इस स्तोत्र का पाठ रोज़ करना चाहिए
- यह पाठ सच्चे मन से किया जाये तो हर मनोकामना पूर्ण होती है
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FAQ’S
श्री नरसिंह ऋण मोचन स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?
श्री नरसिंह ऋण मोचन स्तोत्र का पाठ ब्रम्मुहृत में करना शुभ माना जाता है
नरसिंह देवता जी को किनका अवतार माना गया है?
नरसिंह देवता जी को विष्णु भगवन जी का अवतार माना गया है