यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ संतोषी माता भजन
|| दोहा ||
मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है
माँ के पैरो में ही तो वो जन्नत होती है
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ
मत पूछो कहा कहा है
है संतोषी माँ , अपनी संतोषी माँ
बड़ी मन भावना, निर्मल पावन
प्रेम की यह प्रतिमा
है संतोषी माँ , अपनी संतोषी माँ
इस देवी की दया का हमने
अद्भुत फल देखा
पल में पलट दे यह भक्तो की
बिगड़ी भाग्य रेखा
बड़ी बलशाली ममता वाली
ज्योतिपुंज यह माँ
अपनी संतोषी माँ,अपनी संतोषी माँ
यह मैया तो भाव की भूखी
भक्ति से भावे
प्रेम पूर्वक जो कोई पूजे
मन वांक्षित फल पावे
मंगलकर्णी ,चिन्ताहरणी
दुःख भंजन यह माँ
अपनी संतोषी माँ,अपनी संतोषी माँ
