शिव षडक्षर स्तोत्र 


ओंकारसंज्ञाय समस्तवेद-पुराणपुण्यागमपूजिताय।

ओंकाररूप प्रियदर्शनाय ओंकाररूपाय नमः शिवाय॥१॥
 
 
नाना जराव्याधि विनाशनाय नाथाय लोकस्य जगद्धिताय ।
 
नाना कलाज्ञान निदर्शनाय तस्मै नकाराय नमः शिवाय ॥२॥
 
 
मात्सर्यदोषान्तक संभवाय मातुः पितुः दुःखनिवरणाय।
 
माहेश्वरी सूक्ष्मवराय नित्यं तस्मै मकाराय नमः शिवाय ॥३॥
 
 
शीलव्रतज्ञानदृढव्रताय शीलासुवर्णाय समुत्सुकाय।
 
शीघ्राय नित्यं सुरसेविताय तस्मै शिकाराय नमः शिवाय ॥४॥
 
 
वामार्धविद्युत्प्रतिमप्रभाय वचो मनः कर्म विमोचनाय।
 
वागीश्वरी सूक्ष्मवराय नित्यं तस्मै वकाराय नमः शिवाय ॥५॥
 
 
यक्षोरगेन्द्रादिसुरावृताय यक्षाङ्गनाजन्मविमोचनाय।
 
यक्षेषु लोकेषु जगद्धिताय तस्मै यकाराय नमः शिवाय ॥६॥
 
 
उत्फुल्लनीलोत्पललोचनायै कृशानुचन्द्रार्कविलोचनाय।
 
निरीश्वरायै निखिलेश्वराय नमः शिवायै च नमः शिवाय ॥७॥
  
Shiv Shadakshar Stotra,शिव षडक्षर स्तोत्र
शिव षडक्षर स्तोत्र

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