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श्री गंगा चालीसा | Ganga Chalisa | Ganga Maiya Chalisa
गंगा चालीसा गंगा चालीसा ॥ दोहा॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जननी हरण अघ खानी। आनंद करनि