या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

माता लक्ष्मी जी हिंदू धर्म में सुख,समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य प्रदान करने वाली देवी है।

माता लक्ष्मी जी की कई मंत्रों और स्तोत्रों से पूजा अर्चना की जाती है परन्तु सबसे प्रसिद्ध और प्रभावी मंत्र वैभव लक्ष्मी मंत्र को माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करते हुए वैभव लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से किसी भी भक्त के घर में धन का अभाव नहीं रहता है।

भक्त हमेशा प्रसिद्धि,यश और ऐश्वर्या का भोगी होता है |

Vaibhav Lakshmi Mantra Ka Jaap Kaise Karen

वैभव लक्ष्मी मंत्र का जाप विशेष रूप से शुक्रवार और दिपावली के दिन करना चाहिए।

इन दोनों दिनों में भक्त को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद घर के मंदिर को साफ़ करना चाहिए।

अगर हो सके तो शुक्रवार को माता का उपवास रखें |

घर के मंदिर में श्री लक्ष्मी यंत्र या मां लक्ष्मी की तस्वीर को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए।

माता लक्ष्मी जी की धूप, दीप, गंध, अक्षत, रोली आदि से पूजा करनी चाहिए।

पूजा करने के बाद यथाशक्तिनुसार “श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र” का जाप करना चाहिए। माता लक्ष्मी को फल का भोग लगाए |

इस मंत्र का जाप शुक्रवार के अतिरिक्त अन्य दिन भी बिना नियम के किया जा सकता है।

shree vaibhav lakshmi mantra sadhna

FAQs

  1. वैभव लक्ष्मी माता जी के व्रत कब शुरू करने चाहिए?

    वैभव लक्ष्मी जी का व्रत शुक्रवार से शुरू करना चाहिए इस दिन व्रत करने से माँ वैभव लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है

  2. वैभव लक्ष्मी जी के मंत्र का क्या लाभ है?

    श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से घर में सुख, समृद्धि, शांति, सौभाग्य, वैभव, पराक्रम और सफलता का वास होता है। घर में बरकत बनी रहती है। रिश्तों में मधुरता और सम्मान बढ़ता है।

  3. वैभव लक्ष्मी जी का व्रत क्यों करना चाहिए?

    ‘वैभव लक्ष्मी व्रत’ को करने से जीवन में धन में वृद्धि होती है. इस व्रत को रखने से घर-परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. इस दिन पूजा में देवी लक्ष्मी को सफेद फूल, सफेद चंदन आदि अर्पित किया जाता है और खीर का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करते हैं



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