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मुकुन्द मुक्तावली | Shri Mukunda Muktavali
मुकुन्द मुक्तावली मुकुन्द मुक्तावली नवजलधरवर्णं चम्पकोद्भासिकर्णं विकसित नयनास्यं विस्फुरन्मन्दहासम् । कनकरुचिदुकूलं चारुबर्हावतंसं कमपि