चंद्रशेखर अष्टकम |Chandrashekhara Ashtkam
चंद्रशेखर अष्टकम एक शक्तिशाली पूजा स्तोत्र है जिसमें भगवान शिव को समर्पित 8 छंद हैं। अष्टकम् संस्कृत में आठ छंदों …
चंद्रशेखर अष्टकम एक शक्तिशाली पूजा स्तोत्र है जिसमें भगवान शिव को समर्पित 8 छंद हैं। अष्टकम् संस्कृत में आठ छंदों …
श्री पार्वतीवल्लभ अष्टकम l नमो भूतनाथं नमो देवदेवंनमः कालकालं नमो दिव्यतेजम् ।नमः कामभस्मं नमश्शान्तशीलंभजे पार्वतीवल्लभं नीलकण्ठम् ॥ १ ॥ सदा …
श्री जगन्नाथ अष्टकम श्री जगन्नाथ अष्टकम में भगवान जगन्नाथ की स्तुति में आठ श्लोक हैं। जगन्नाथ अष्टकम गीत पढ़ने से …
श्री गणपति अष्टकम हिंदी अर्थ सहित एकदन्तं महाकायं तप्तकांचनसन्निभम् ।लम्बॊदरं विशालाक्षं वन्दॆऽहं गणनायकम् ॥१॥ हिंदी में अर्थ : उन भगवान …
संकट मोचक हनुमान अष्टक मनुष्य जब विपत्तियों से घिरा होता है और हर जगह संकट ही संकट दिखाई दे रहा …
मधुराष्टकं में श्रीकृष्ण के बालरूप को मधुरता से माधुरतम रूप का वर्णन किया गया है। श्रीकृष्ण के प्रत्येक अंग …
दामोदर अष्टकम् Damodar ashtakam नमामीश्वरं सच्चिदानंदरूपं लसत्कुण्डलं गोकुले भ्राजमानं यशोदाभियोलूखलाद्धावमानं परामृष्टमत्यं ततो द्रुत्य गोप्या ॥ १॥ जिनके कपोलों पर …
श्री शिव बिल्वाष्टकम् ” शिव बिल्वाष्टकम् में बेल पत्र (बिल्व पत्र) के गुणों के साथ-साथ भगवान शंकर का उसके प्रति …
गोविन्दाष्टकम् चिदानन्दाकारं श्रुतिसरससारं समरसं निराधाराधारं भवजलधिपारं परगुणम् । रमाग्रीवाहारं व्रजवनविहारं हरनुतं सदा तं गोविन्दं परमसुखकन्दं भजत रे ॥ १ ॥ …
शिव लिंगाष्टकम ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गम् निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गम् तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥ देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गम् कामदहम् करुणाकरलिङ्गम् । रावणदर्पविनाशनलिङ्गम् तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥ …
आर्त त्राण परायण गंगाधर अष्टकम क्षीराम्भोनिधिमन्थनोद्भवविषात् संदह्यमानान् सुरान्, ब्रह्मादीनवलोक्य यः करुणया हालाहलाख्यं विषम् । निश्शंकं निजलीलया कबलयन् …
संकटमोचन हनुमानाष्टक ॥ सङ्कटमोचन हनुमानाष्टकम् ॥ ततः स तुलसीदासः सस्मार रघुनन्दनम् । हनूमन्तं तत्पुरस्तात् तुष्टाव भक्तरक्षणम् ॥ १॥ …
हनुमत् मंगलाष्टक प्रसन्नाञ्जनेय मंगलाष्टक भास्वद्वानररूपाय वायुपुत्राय धीमते । अञ्जनीगर्भजाताय आञ्जनेयाय मङ्गलम् ॥ १॥ सूर्यशिष्याय शूराय सूर्यकोटिप्रकाशिने …
श्री कृष्णदास कविराज विरचितं राधिका अष्टकम कुङ्कुमाक्तकाञ्चनाब्ज गर्वहारि गौरभा, पीतनाञ्चिताब्जगन्धकीर्तिनिन्दसौरभा । वल्लवेशसूनु सर्ववाञ्छितार्थसाधिका, मह्यमात्मपादपद्मदास्यदाऽस्तु राधिका ॥ १॥ कौरविन्दकान्तनिन्दचित्रपत्रशाटिका, …
श्रीकृष्ण शरणाष्टक ॥ श्रीकृष्णशरणाष्टकम् ॥ सर्वसाधनहीनस्य पराधीनस्य सर्वतः । पापपीनस्य दीनस्य श्रीकृष्णः शरणं मम ॥ १॥ संसारसुखसम्प्राप्तिसन्मुखस्य विशेषतः । …