केले की पेड़ की पूजा का मंत्र

धर्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीहरि विष्णु को केला अति प्रिय है। इसलिए यह भी कहा जाता है की उनका निवास स्थान केले के पेड़ में होता है।

हिंदू धर्म में हफ्ते के सातों दिन किसी न किसी देवी देवता को अर्पित हैं तथा उसी प्रकार से गुरुवार का दिन भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होता हैं। गुरूवार के दिन भगवान की पूजा अर्चना या व्रत करने से विशेष फल मनुष्य को हासिल होता हैं। गुरुवार के दिन बृहस्पति भगवान की पूजा करना और केले के पेड़ को जल अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता हैं। और ऐसा करने से मनुष्य को भगवान विष्णु की पूर्ण कृपा प्राप्त होती हैं।

गुरुवार के दिन केले के पेड़ को जल अर्पण करते हुए एक विशेष मंत्र का जाप करें, इस मंत्र से इस पूजा अर्चना का दोगुना लाभ प्राप्त हो सकता हैं। इस मंत्र के उपयोग से भाग्य भी खुल सकता हैं।

गुरुवार के दिन पीले वस्त्रों को धारण करके केले के पेड़ पर जल अर्पित करें। फिर इस दौरान ही “ऊं नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप 21 बार करें ऐसा करने से आपकी किस्मत प्रबल हो जायेंगी और आपके सभी कार्य भी पूर्ण हो जायेंगे।

गुरुवार के दिन केले के पेड़ के नीचे बैठकर धुप दीप से पूजन किया जाता है। साथ ही विष्णु जी को चना, गुड़ और हल्दी का भोग लगाया जाता है।

लक्ष्मी कृपा पाने के लिए भगवान विष्णु की कृपा पाना अत्यन्त अवश्यक है क्योंकि लक्ष्मी उन्हीं के चरणों में रहकर उनकी दासी बनना पसंद करती हैं। शास्त्रों में या भगवान विष्णु के किसी भी चित्रपट अथवा श्री स्वरूप का ध्यान करके देखें मां लक्ष्मी सदैव उनके चरणों में बैठी उनके चरण दबाती ही दिखती हैं। जो लोग भगवान विष्णु के चरण कमलों का नित्य ध्यान करते हैं माता लक्ष्मी उनके घर में स्थाई बसेरा बना लेती हैं।

धन प्राप्ति के लिए मंत्र

जीवश्चाङ्गिर-गोत्रतोत्तरमुखो दीर्घोत्तरा संस्थित: पीतोश्वत्थ-समिद्ध-सिन्धुजनिश्चापो थ मीनाधिप:।
सूर्येन्दु-क्षितिज-प्रियो बुध-सितौ शत्रूसमाश्चापरे सप्ताङ्कद्विभव: शुभ: सुरुगुरु: कुर्यात् सदा मङ्गलम्।।

केले की पेड़ की पूजा का मंत्र
केले की पेड़ की पूजा का मंत्र

श्रीहरि विष्णु को प्रसन्न करने के लिए मंत्र

दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
ॐ नमोः नारायणाय नमः।
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः।

माता लक्ष्मी की कृपा के लिए मंत्र

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

गुरूवार बीजमंत्र

ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
ॐ गुं गुरवे नम:।