माँ वैभव लक्ष्मी व्रत कथा | Vaibhav Lakshmi Vrat Katha
माँ वैभव लक्ष्मी व्रत कथा वैभव लक्ष्मी व्रत कथा इस प्रकार है एक समय की बात थी शीला नाम की …
माँ वैभव लक्ष्मी व्रत कथा वैभव लक्ष्मी व्रत कथा इस प्रकार है एक समय की बात थी शीला नाम की …
लक्ष्मी जी की सवारी उल्लू क्यों है कार्तिक अमावस्या के दिन सभी पशु-पक्षी आंखे बिछाए लक्ष्मीजी की राह देखने लगे …
दीपावली का त्यौहार Diwali Festival भारत मेलों, त्योहारों और समारोहों का देश है, भारत में इसके विशेष त्योहारों और उत्सवों …
साम्पुटिक श्रीसूक्त पाठ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः |ॐ दुर्गे स्मृता …
दिवाली 2023 दिवाली 2023 पर दीवाली पूजा करने से देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद मिलती है और …
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती …
श्री मीनाक्षी पञ्चरत्नम् स्तोत्रम के रचियता श्री शंकराचार्य जी हैं ! श्री मीनाक्षी देवी जी माँ लक्ष्मी जी का ही …
व्यापार वृद्धि लक्ष्मी साधना जय जय जय लक्ष्मी भंडारी माई । सात दीप नव खंड दुहाई ।। रिद्धि-सिद्धि …
श्री लक्ष्मी हयग्रीव पञ्चरत्नम् ज्ञानानन्दामलात्मा कलिकलुषमहातूल वातूल नामा, सीमातीतात्मभूमा मम हयवदना देवता दर्विदारिः। याता श्वेताब्जमध्यं प्रविमलकमलस्रग्धरा दुग्धराशिः, …
ऋण मोचन श्री लक्ष्मी साधना ॥ ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं …
श्री लक्ष्मी लहरी समुन्मीलन्नीलांबुजनिकरनीराजितरुचा- मपांगानां भृङ्गैरमृतलहरी श्रेणिमसृणैः। ह्रिया हीनं दीनं भृशमुदरलीनं करुणया हरिश्यामा सा मामवतु जडसामाजिकमपि ॥१॥ …
माँ लक्ष्मी मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ …
माङ्गल्यस्तवम् दाल्भ्य उवाच- कार्यारंभेषु सर्वेषु दुस्स्वप्नेषु च सत्तम अमङ्गल्येषु दृष्टेषु यज्जप्तव्यं तदुच्यताम् ॥१॥ येनारंभाश्च सिद्ध्यन्ति दुस्स्वप्नश्चोपशान्तये। …
श्री लक्ष्मी ध्यानम् सिन्दूरारुणकान्तिमब्जवसतिं सौन्दर्यवारांनिधिं, कॊटीराङ्गदहारकुण्डलकटीसूत्रादिभिर्भूषिताम् । हस्ताब्जैर्वसुपत्रमब्जयुगलादर्शंवहन्तीं परां, आवीतां परिवारिकाभिरनिशं ध्यायॆ प्रियां शार्ङ्गिणः ॥ १ ॥ …
देवकृत श्री लक्ष्मी स्तव क्षमस्व भगवत्यंब क्षमाशीले परात्परे। शुद्धसत्त्वस्वरूपे च कोपादिपरिवर्जिते ॥१॥ उपमे सर्वसाध्वीनां देवीनां देवपूजिते। त्वया …