कल्कि आरती |Kalki Aarti

ॐ जय जय सुर रक्षक असुर विनाशक,
पद्मावत के प्यारे॥

जय जय श्री कल्कि भक्त हितकारी,
दुष्टन मारन हारे॥

जय जय खड्गधारी जय असुरारी,
गऊ विप्रन के रखवारे॥

क्षीर सागरवासी जय अविनाशी,
भूमि भार उतारन हारे॥

अलख निरंजन भव भय भंजन,
जय संभल सरकारे॥

भक्त जानो के पालनकर्ता,
जय गउन रखवारे॥

जय जयकार करत सब भक्तजन,
सुनिए प्राण प्यारे॥

वेगहि सुधि लेना मेरे स्वामी,
हम सब दास पुकारे॥

ॐ जय जय कल्कि भगवान
ॐ जय जय कल्कि भगवान

बार बरोबर बाढ़ है,
तापर चलत ब्यार॥
श्री कल्कि पार उतारिये,
अपनी और निहार॥

कल्कि आरती,kalki aarti
कल्कि आरती