श्री गिरिराज आरती |Giriraj Aarti

॥ श्री गिरिराज आरती
ॐ जय जय जय गिरिराज,स्वामी जय जय जय गिरिराज।

संकट में तुम राखौ,निज भक्तन की लाज॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

इन्द्रादिक सब सुर मिलतुम्हरौं ध्यान धरैं।

रिषि मुनिजन यश गावें,ते भवसिन्धु तरैं॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

सुन्दर रूप तुम्हारौश्याम सिला सोहें।

वन उपवन लखि-लखि के भक्तन मन मोहें॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

मध्य मानसी गङ्गाकलि के मल हरनी।

तापै दीप जलावें,उतरें वैतरनी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

नवल अप्सरा कुण्डसुहावन-पावन सुखकारी।

बायें राधा-कुण्ड नहावेंमहा पापहारी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

तुम्ही मुक्ति के दाताकलियुग के स्वामी।

दीनन के हो रक्षकप्रभु अन्तरयामी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

हम हैं शरण तुम्हारी,गिरिवर गिरधारी।

देवकीनंदन कृपा करो,हे भक्तन हितकारी॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥

जो नर दे परिकम्मापूजन पाठ करें।

गावें नित्य आरतीपुनि नहिं जनम धरें॥

ॐ जय जय जय गिरिराज…॥