माँ काली मंत्र
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काली माँ को सृष्टि की रक्षक के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनकी विनाशकारी शक्तियों के कारण उन्हें “माँ काली” के रूप में भी जाना जाता है। काली नाम का अर्थ है वह, जो समय से परे है।
अपने बेटे की रक्षा हेतु और राक्षश रक्तबीज का वध करके तीनों लोकों को उसके भय से मुक्त करने के लिए माता पार्वती ने विकराल देवी काली के रूप में ब्रह्मांडीय युद्ध के मैदान में प्रवेश किया था। माँ काली का रुप मृत्यु के रूप में अँधेरे जैसा था, क्रोधित लाल आँखों के साथ, मुंह की जीवा बाहर, नग्न शरीर को ढँकने वाले लंबे अव्यवस्थित बाल ,गले में मुंड माला, कमर में राक्षशों की कटी हुई भुजाएं , हाथ में खडग और खप्पर है।
माता काली को पार्वती का निडर रूप माना जाता है, जो भगवान शिव की पत्नी हैं। काली माँ को एक साथ जीवन के दाता और संहारक के रूप में चित्रित किया गया है। हालाँकि, अधिकांश व्याख्याओं में, उन्हें दुष्टों के लिए क्रूर और विनाशकारी के रूप में चित्रित किया गया है।
मां दुर्गा के काली स्वरुप को देवी के सभी रुपों में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है। दस महाविद्याओं में माँ काली का स्थान पहला मन जाता है और जिन्होंने अपना यह रूप दुष्ट, अभिमानी राक्षसों को सृष्टि को मुक्त करने के लिए प्रकट किया है। माँ काली की पूजा सन्यासी या तांत्रिक करते हैं परन्तु मां काली के कुछ मंत्र ऐसे भी हैं जो सरल है और इनके इस्तेमाल से आप माँ काली की कृपा पा सकते है।
माँ काली संसार की जननी और करुणा का भण्डार है। माँ काली को आदिम द्रव्यमान के रूप में माना जाता है जिससे सारा जीवन उत्पन्न हुआ। माँ काली की पूजा करने वाले भक्त को दुश्मनों का भय नहीं रहता। काली माँ का भक्त निडर जीवन जीता है।
माँ काली के मंत्र बड़े प्रभावशाली है , इनका सही उच्चारण के साथ माँ को शक्ति के रूप में आराधना करने सिद्धि प्राप्त होती है। हर बाधा का विनाश करने की शक्ति है माँ काली के मन्त्रों में। अपने लक्ष्यों को सिद्ध करने के लिए माँ काली की पूजा करनी चाहिए।
एकाक्षरी काली मंत्र
क्रीं
तीन अक्षरी काली मंत्र
क्रीं ह्रुं ह्रीं॥
पांच अक्षरी काली मंत्र
क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्॥
षडाक्षरी काली मंत्र
क्रीं कालिके स्वाहा॥
सप्ताक्षरी काली मंत्र
हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा॥
श्री दक्षिणकाली मंत्र
ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं॥
क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा॥
ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा॥
भद्रकाली मंत्र
ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा॥
श्री शमशान काली मंत्र
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं॥
काली बीज मंत्र
”ॐ क्रीं काली”
मां काली का मंत्र
”ॐ श्री कालिकायै नमः”
कालिका-यी मंत्र
”ॐ कलिं कालिका-य़ेइ नमः”
काली मां का पंद्रह अक्षर मंत्र
”ॐ हरिं श्रीं कलिं अद्य कालिका परम् एष्वरी स्वा:”
22 अक्षरी श्री दक्षिण काली मंत्र
क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
काली मां की पूजा के लिए मंत्र
”कृन्ग कृन्ग कृन्ग हिन्ग कृन्ग दक्षिणे कलिके कृन्ग कृन्ग कृन्ग हरिनग हरिनग हुन्ग हुन्ग स्वा:”
काली गायत्री मंत्र
“ॐ महा काल्यै छ विद्यामहे स्स्मसन वासिन्यै छ धीमहि तन्नो काली प्रचोदयात”
महाकाली बीज मंत्र
ॐ क्रीं कालिकायै नमः
