माँ विंध्यवासिनी मंत्र सिद्धि साधना

शास्त्रों में माँ विंध्यवासिनी की रहस्यमयी तांत्रिक साधना वर्णित है। यह साधना अत्यंत गोपनीय है। किसी भी कार्य में तुरंत सफलता प्राप्ति के लिए विंध्यवासिनी साधना उपयोगी होती है।

विनियोग
ओम् अस्य विंध्यवासिनी मन्त्रस्य विश्रवा ऋषि अनुष्टुपछंद: विंध्यवासिनी देवता मम अभिष्ट सिद्धयर्थे जपे विनियोग:।

न्यास
ओम विश्रवा ऋषये नम: शिरसि ।।1।।
अनुष्टुप छंदसे नम: मुखे ।।2।।
विंध्यवासिनी देवतायै नम: हृदि ।।3।।
विनियोगाय नम: सर्वांगे ।।4।।

करन्यास
एहं हिं अंगुष्ठाभ्यां नम:।।1।।
यक्षि-यक्षि तर्जनीभ्यां नम:।।2।।
महायक्षि मध्यमाभ्यां नम: ।।3।।
वटवृक्षनिवासिनी अनामिकाभ्यां नम:।।4।।
शीघ्रं मे सर्वसौख्यं कनिष्ठिकाभ्यां नम:।।5।।
कुरू-कुरू स्वाहा करतलकर पृष्ठाभ्यां नम:।।6।।

ध्यान
अरूणचंदन वस्त्र विभूषितम। सजलतोयदतुल्यन रूरूहाम्।।
स्मरकुरंगदृशं विंध्यवासिनी। क्रमुकनागलता दल पुष्कराम्।।

विधि
इस महत्वपूर्ण एवं अत्यंत गोपनीय साधना को भाग्यशाली साधक ही कर पाता है। अमावस्या की रात को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर सामने विंध्यवासिनी साधना मंत्र प्रतिष्ठापित करे। सामने की तरफ सात गोल सुपारी रख लें। घी का दीपक एवं 7 अगरबत्ती जलाएँ।

सप्त सुपारी पूजा
ओम् कामदायै नम:।।1।।
ओम् मानदायै नम:।।2।।
ओम् नक्तायै नम: ।।3।।
ओम् मधुरायै नम: ।।4।।
ओम् मधुराननायै नम: ।।5।।
ओम् नर्मदायै नम: ।।6।।
ओम् भोगदायै नम:।।7।।

तत्पश्चात सोने के बेहद बारीक तार से विंध्येश्वरी यंत्र को लपेटें तथा सफलता के लिए प्रार्थना करें। जिस कार्य में तुरंत सफलता चाहिए उसका सिलसिलेवार स्मरण करें। जैसे उस कार्य के आरंभ से लेकर मंत्र साधना तक क्या-क्या उतार-चढ़ाव आए। कितनी बाधाएँ आईं और सफलता के संबंध में आपकी शंकाएँ क्या-क्या हैं।

पूजन के बाद स्फटिक की माला से मंत्र का जाप करें। 11 दिन तक रोज 51 माला मंत्र जप विंध्यवासिनी यंत्र के सामने आवश्यक है।

मंत्र
एह्ये हि यक्षि महायक्षि विंध्यवासिनी शीघ्रं मे सर्व तंत्र सिद्धि कुरू-कुरू स्वाहा।

यह साधना 11 दिनों तक नियमित रूप से की जानी चाहिए। सौभाग्यशाली साधकों के मार्ग में साधना के दौरान कोई बाधा नहीं आती। इस साधना के सफल होने के बाद अन्य कोई साधना निष्फल नहीं होती। साथ ही तुरंत सफलता प्राप्ति हेतु यह साधना अत्यंत उपयोगी है।

मां विंध्यवासिनी पूजन विधि

  • मां विंध्यवासिनी की पूजा हमेशा रात्रि के समय की जाती है.
  • मां विंध्यवासिनी की पूजा करने के लिए साधक को स्नान करने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करने चाहिए.
  • इसके पश्चात अपने घर के किसी एकांत कक्ष में पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं.
  • अपने सामने एक लकड़ी की चौकी पर रखें. अब चौकी पर थोड़ा सा गंगाजल छिड़क कर उसे शुद्ध कर लें.
  • अब चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. अब इसके ऊपर विंध्यवासिनी साधना यंत्र की स्थापना करें.
  • यंत्र के सामने सात गोल सुपारी रखें. अब दीपक और सात अगरबत्ती जलाएं.
  • अब रक्षा सूत्र से सोने के बारीक तार लेकर विंध्यवासिनी यंत्र को लपेटकर सफलता प्राप्त करने के लिए माता से प्रार्थना करें.
  • पूजा करने के बाद विंधेश्वरी माला से मां विंध्यवासिनी के मंत्र का जाप करें.
  • 9 दिनों तक लगातार नियमित रूप से 45 माला मंत्र जाप करें.
  • मां विंध्यवासिनी की साधना 11 दिनों तक नियमित रूप से करना आवश्यक होता है.
  • 11 दिन हवन करने के बाद पूजा में इस्तेमाल हुई सभी सामग्रियों को किसी बहती हुई नदी में प्रवाहित कर दें या किसी पीपल के पेड़ के नीचे दबा दें.
माँ विंध्यवासिनी मंत्र सिद्धि साधना
माँ विंध्यवासिनी मंत्र सिद्धि साधना