माँ कालरात्रि स्तोत्र पाठ के लाभ
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माँ कालरात्रि स्तोत्र के साथ-साथ यदि कालरात्रि कवच का पाठ किया जाए तो यह स्तोत्र चमत्कारी प्रभाव दिखता है, ऐसा करने से शीघ्र प्राथना स्वीकार होती है और फल भी जल्दी मिलता है | यदि मनुष्य इस स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करना शुरू करते है है तो जीवन में होने वाले बुरे कामों पर लगाम लग जाती है और साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है |
परिवार में स्वस्थ्य लाभ मिलता है , खुशाली बनी रहती है और यदि कोई लम्बे समय से बीमार भी चल रहा होता है तो उसकी बीमारी की लम्बी अवस्था खत्म हो जाता है और मनुष्य पुनः स्वस्थ जीवन जीता है | अगर मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस माँ कालरात्रि स्तोत्र का पाठ अवश्य करें !
इस पाठ से साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही देवी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस माँ कालरात्रि स्तोत्र पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे।
माँ कालरात्रि स्तोत्र
करालवदनां घोरांमुक्तकेशींचतुर्भुताम्। कालरात्रिंकरालिंकादिव्यांविद्युत्मालाविभूषिताम्॥
दिव्य लौहवज्रखड्ग वामाघोर्ध्वकराम्बुजाम्। अभयंवरदांचैवदक्षिणोध्र्वाघ:पाणिकाम्॥
महामेघप्रभांश्यामांतथा चैपगर्दभारूढां। घोरदंष्टाकारालास्यांपीनोन्नतपयोधराम्॥
सुख प्रसन्न वदनास्मेरानसरोरूहाम्। एवं संचियन्तयेत्कालरात्रिंसर्वकामसमृद्धिधदाम्॥
!! स्तोत्र !!
हीं कालरात्रि श्रींकराली चक्लींकल्याणी कलावती। कालमाताकलिदर्पध्नीकमदींशकृपन्विता॥
कामबीजजपान्दाकमबीजस्वरूपिणी। कुमतिघन्ीकुलीनार्तिनशिनीकुल कामिनी॥
क्लींहीं श्रींमंत्रवर्णेनकालकण्टकघातिनी। कृपामयीकृपाधाराकृपापाराकृपागमा॥
