माँ बगलामुखी स्तुति
रत्न जड़े मणि मंडप के नीचे
पीले सिंहासन पर विराजमान
पीली माला, पीताभरण, पीत परिधान
निशिदिन करूँ आपका ध्यान
बाँये हाथ से बैरी की जिह्वा पकड़े
दायें हाथ में मुदगर गदा लिये
तिमिर मिटा कर, ज्ञान बढ़ा कर
आप करें मुझ पर उपकार
बगलामुखी माँ
त्रिविध ताप मिटानेवाली
शत्रु-गति को रोकनेवाली
उसकी वाणी हरनेवाली
नित्य रूपा, मंत्र रूपा, सुनेत्रा,
जगन्माता, चंडिका, पीताम्बरा
बगलामुखी माँ !!
