श्री दशावतार स्तोत्र: प्रलय पयोधि-जले
प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदम ।विहितवहित्रचरित्रम खेदम ।केशव धृतमीनशरीर जय जगदीश हरे ॥1॥ हे जगदीश्वर! हे हरे! नौका (जलयान) जैसे बिना किसी …
प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदम ।विहितवहित्रचरित्रम खेदम ।केशव धृतमीनशरीर जय जगदीश हरे ॥1॥ हे जगदीश्वर! हे हरे! नौका (जलयान) जैसे बिना किसी …
श्री गुरु महाराज की स्तुति में लिखा गया यह श्री गुरुपादुका स्तोत्र उनकी चरण वन्दना करता है। आदि शंकराचार्य की …
‘श्री भृगु ऋषि ‘ द्वारा रचित सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र जो कि ‘भृगु ऋषि’ द्वारा अपनी पुस्तक ‘भृगु सहिता’ में लिखा …
वीरविंशतिकाव्यं श्रीहनुमत्स्तोत्रम् लांगूलमृष्टवियदम्बुधिमध्यमार्ग- मुत्प्लुत्य यान्तममरेन्द्रमुदो निदानम् । आस्फालितस्वकभुजस्फुटिताद्रिकाण्डं द्राङ्मैथिलीनयननन्दनमद्य वन्दे ॥ १ ॥ मध्येनिशाचरमहाभयदुर्विषह्यं घोराद्भुतव्रतमिदं यददश्चचार । पत्ये तदस्य बहुधापरिणामदूतं …
शिव मृतसंजीवन स्तोत्र शिव मृतसंजीवन स्तोत्र: श्री मृतसंजीवन स्तोत्र भगवान शिव को समर्पित है। मृतसंजीवन स्तोत्र का अर्थ है मृत्यु …
अथ श्री आञ्जनेय नवरत्नमाला स्तोत्रम् माणिक्यं ततो रावणनीतायाः सीतायाः शत्रुकर्शनः।इयेष पदमन्वेष्टुं चारणाचरिते पथि ।1। [यह सुन्दरकाण्ड का पहला श्लोक है, …
गोविन्द दामोदर स्तोत्र करार विन्दे न पदार विन्दम् ,मुखार विन्दे विनिवेश यन्तम् ।वटस्य पत्रस्य पुटे शयानम् ,बालम् मुकुंदम् मनसा स्मरामि …
आदित्य हृदय स्तोत्रम Aditya Hridaya stotra सूर्य देव (सूर्य देव) को समर्पित आदित्य हृदय स्तोत्रम ( Aditya Hridaya stotra ) …
महर्षि व्यास कृत श्री भगवती देवी स्तोत्र श्री भगवती देवी स्तोत्र की रचना महर्षि ब्यास जी ने की है। जो …
अपमृत्युहरं महामृत्युञ्जय स्तोत्रम् औम् अस्य श्रीमहामृत्यञ्जयस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीमार्कण्डेय ऋषिः,अनुष्टुप् छन्दः, श्रीमृत्युञ्जयो देवता, गौरी शक्तिः,मम सर्वारिष्टसमस्तमृत्युशान्त्यर्थं सकलैश्वर्यप्राप्त्यर्थंच जपे विनियोगः । अथ ध्यानम् …
शिव प्रदोष स्तोत्रम् जय देव जगन्नाथ जय शङ्कर शाश्वत ।जय सर्वसुराध्यक्ष जय सर्वसुरार्चित ॥१॥ जय सर्वगुणातीत जय सर्ववरप्रद ॥जय नित्य …
महारुद्र स्तोत्रम् वाण्या ओङ्काररूपिण्या अंत उक्तोऽस्य नान्यथा ।सुरस्रिभुवनेशः स नः सर्वांतः स्थितोऽवतु ॥१॥ देवोऽयं सर्वदेवायः सूरिरुन्मत्तवत्स्थितः ।वाहो बलीवर्दकोऽस्य याचकस्येष्टदः स …
श्री काशी विश्वनाथ स्तोत्रम् ॥ कण्ठे यस्य लसत्कराळगरळं गङ्गाजलं मस्तकेवामाङ्गे गिरिराजराजतनया जाया भवानी सती ।नन्दिस्कन्दगणाधिराजसहिता श्रीविश्वनाथप्रभुःकाशीमन्दिरसंस्थितोऽखिलगुरुर्देयात्सदा मङ्गळम् ॥१॥ यो देवैरसुरैर्मुनीन्द्रतनयैर्गन्धर्वयक्षोरगै-र्नागर्भूतलवासिभिर्द्विजवरैः …
दरिद्रता और ऋण मनुष्य के जीवन में सबसे ज़्यादा असंतुष्टि पैदा करता है | सारा जीवन अस्थिर दिखाई देता है …
राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र भगवान शिव द्वारा रचित और देवी पार्वती से बोली जाने वाली राधा …