शिव मृतसंजीवन स्तोत्र | Mritsanjeevan Stotra
शिव मृतसंजीवन स्तोत्र शिव मृतसंजीवन स्तोत्र: श्री मृतसंजीवन स्तोत्र भगवान शिव को समर्पित है। मृतसंजीवन स्तोत्र का अर्थ है मृत्यु …
शिव मृतसंजीवन स्तोत्र शिव मृतसंजीवन स्तोत्र: श्री मृतसंजीवन स्तोत्र भगवान शिव को समर्पित है। मृतसंजीवन स्तोत्र का अर्थ है मृत्यु …
अथ श्री आञ्जनेय नवरत्नमाला स्तोत्रम् माणिक्यं ततो रावणनीतायाः सीतायाः शत्रुकर्शनः।इयेष पदमन्वेष्टुं चारणाचरिते पथि ।1। [यह सुन्दरकाण्ड का पहला श्लोक है, …
गोविन्द दामोदर स्तोत्र करार विन्दे न पदार विन्दम् ,मुखार विन्दे विनिवेश यन्तम् ।वटस्य पत्रस्य पुटे शयानम् ,बालम् मुकुंदम् मनसा स्मरामि …
आदित्य हृदय स्तोत्रम Aditya Hridaya stotra सूर्य देव (सूर्य देव) को समर्पित आदित्य हृदय स्तोत्रम ( Aditya Hridaya stotra ) …
महर्षि व्यास कृत श्री भगवती देवी स्तोत्र श्री भगवती देवी स्तोत्र की रचना महर्षि ब्यास जी ने की है। जो …
अपमृत्युहरं महामृत्युञ्जय स्तोत्रम् औम् अस्य श्रीमहामृत्यञ्जयस्तोत्रमन्त्रस्य श्रीमार्कण्डेय ऋषिः,अनुष्टुप् छन्दः, श्रीमृत्युञ्जयो देवता, गौरी शक्तिः,मम सर्वारिष्टसमस्तमृत्युशान्त्यर्थं सकलैश्वर्यप्राप्त्यर्थंच जपे विनियोगः । अथ ध्यानम् …
शिव प्रदोष स्तोत्रम् जय देव जगन्नाथ जय शङ्कर शाश्वत ।जय सर्वसुराध्यक्ष जय सर्वसुरार्चित ॥१॥ जय सर्वगुणातीत जय सर्ववरप्रद ॥जय नित्य …
महारुद्र स्तोत्रम् वाण्या ओङ्काररूपिण्या अंत उक्तोऽस्य नान्यथा ।सुरस्रिभुवनेशः स नः सर्वांतः स्थितोऽवतु ॥१॥ देवोऽयं सर्वदेवायः सूरिरुन्मत्तवत्स्थितः ।वाहो बलीवर्दकोऽस्य याचकस्येष्टदः स …
श्री काशी विश्वनाथ स्तोत्रम् ॥ कण्ठे यस्य लसत्कराळगरळं गङ्गाजलं मस्तकेवामाङ्गे गिरिराजराजतनया जाया भवानी सती ।नन्दिस्कन्दगणाधिराजसहिता श्रीविश्वनाथप्रभुःकाशीमन्दिरसंस्थितोऽखिलगुरुर्देयात्सदा मङ्गळम् ॥१॥ यो देवैरसुरैर्मुनीन्द्रतनयैर्गन्धर्वयक्षोरगै-र्नागर्भूतलवासिभिर्द्विजवरैः …
दरिद्रता और ऋण मनुष्य के जीवन में सबसे ज़्यादा असंतुष्टि पैदा करता है | सारा जीवन अस्थिर दिखाई देता है …
राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र भगवान शिव द्वारा रचित और देवी पार्वती से बोली जाने वाली राधा …
पौराणिक धर्मग्रंथों के अनुसार हर साल सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पूजा का विधान है। …
नारद पंचरात्रा में श्री गोपाल कवचम् स्तोत्र का उल्लेख किया गया है। श्री गोपाल कवचम् को भगवान महादेव ने देवी …
दुर्गा कीलक स्तोत्रम् मंत्र ॥ अथ कीलकम् ॥ ॐ अस्य श्रीकीलकमन्त्रस्य शिव ऋषिः,अनुष्टुप् छन्दः, श्रीमहासरस्वती देवता,श्रीजगदम्बाप्रीत्यर्थं सप्तशतीपाठाङ्गत्वेन जपे विनियोगः। ॐ …
Durga Saptashati argala stotram का पाठ दुर्गा कवच के बाद और कीलक स्तोत्र के पहले किया जाता है। यह पाठ …