श्री कूल यमुना धनु आगे। जल में बैठे प्रभु जी आन के।
नाग नागिनी दोनों बैठे। श्रीकृष्ण जी पहुचे आन के।
नागिन कहती सुना रे बालक। जागो यहां से भाग के।
तेरी सुरत देख मन में दया उपजी। नाग मारेगा जाग के।
किसका बालक पुत्र कहिए।कौन तुम्हारा ग्राम है।
जिसके घर तू जनमिया रे। बालक क्या तेरा नाम है
वासुदेव जी का पुत्र कहिए। गोकुल हमारा ग्राम है।
श्री माता देवकी जनिमया मैंनू। श्रीकृष्ण हमारा नाम है।
ले रे बालक हत्थामदेकगन। कन्ना दे कुंडल सवा लाख की बोरियां।
इतना द्रव्य ले जा रे बालक।
दिया नागां कोलों चोरियां। क्या करां तेरे हाथों के कगंन।
कन्नादे कुंडल सवा लाख की बोरियाँ।
श्री मात यशोदा दही बिलावे । पावां तेरे नाग कालेदियाँ डोरिया।
क्या रे बालक वेद वेद ब्राम्हण। क्या मारिआ तू तान चाहनाएँ।
नाग दल में आ पहुँचिया। अब कैसे घर जावनाएँ।
ना रे पदमनी वेद ब्राम्हण। नन्द जी का में बालका।
श्री मात यशोदा दही पिलावे। नेत्रा मांगे काले नाग का।
कर चूमे भुजा मरोड़ी। नागनी नाग जगाया।
उठो रे उठो बलवंत योद्धा। बालक नथने को आया।
उठियो रे उठियो मांडलिक राजा। इन्द्र वांगूं गरजाया।
बांके मुकुट पर झपट किनी। श्रीकृष्ण जी मुकुट बचाया।
भुजा का बल स्वामी खेच लिया। भुजा का बल प्रभु हरण किया।
हाथ जोड़ नागनियाँ कहती। हूँ बल पिया जी कहाँ गया।
बंसरी सेती कालीनाग नथिया। फन फन नृत्य कराया।
फूल फूल मथुरा की नगरी। देवकी मंगल गाया।
भगत हेत लरभो जन्म लेकर। लंका में रावण मारिया।
काली प्रहलाद नाग नथिया। मथुरा में कंश पछारियाँ।
सप्त दीप नौखण्ड चौदह। सभी तेरा है पसारिया।
सूरदास जी तेरा यश गावे। तेरे चरणां बलिहारियाँ।