शिव आवाहन मंत्र
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ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।
तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।
नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।
आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।
नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।
देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।
नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।
नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ।।
अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् ।
नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम् ।।
सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ।।
शिव आवाहन मंत्र अर्थ सहित Shiva Ahvaan Mantra Meaning in Hindi
इस दिव्य मंत्र में हम भगवान शिव को मृत्युंजय, ईशान, पिनाकिन, त्रयंबक, हर, महेश्वर जैसे नामों से पुकारते हैं।
भगवान शिव को हर कहा जाता है क्योंकि वे भक्त के जीवन से कष्ट हर लेते हैं। उन्हें महेश्वर इसलिए बुलाया जाता है क्योंकि वे महान ईश्वर, देवताओं के देवता, ब्रह्मांड के नियंत्रक हैं।
भगवान शिव ऐसे भगवान हैं जो सभी जानवरों में रहते हैं। उन्हें “पशुपति” भी कहा जाता है जो दर्शाता है कि वे सभी प्राणियों के भगवान हैं। हम सभी जानवर या “पशु” हैं और हमारे भगवान शिव हैं जो हमें नियंत्रित करते हैं, हम पर दया करते हैं। वे हम सब के प्रभु हैं।
हम आत्मन या आत्मा हैं और भगवान शिव परमात्मा हैं जो सबसे बड़ी आत्मा और सर्वोच्च वास्तविकता हैं। ऐसे देवो के देव महादेव भगवान शिव को बारम्बार नमस्कार करते है |

शिव आह्वान मंत्र हिंदी अर्थ सहित
इस दिव्य शिव आवाहन मंत्र में हम भगवान शिव को मृत्युंजय, ईशान, पिनाकिन, त्रयंबक, हर, महेश्वर जैसे नामों से पुकारते हैं।
भगवान शिव को हर कहा जाता है क्योंकि वे भक्त के जीवन से कष्ट हर लेते हैं। उन्हें महेश्वर इसलिए बुलाया जाता है क्योंकि वे महान ईश्वर, देवताओं के देवता, ब्रह्मांड के नियंत्रक हैं।
भगवान शिव ऐसे भगवान हैं जो सभी जानवरों में रहते हैं। उन्हें “पशुपति” भी कहा जाता है जो दर्शाता है कि वे सभी प्राणियों के भगवान हैं। हम सभी जानवर या “पशु” हैं और हमारे भगवान शिव हैं जो हमें नियंत्रित करते हैं, हम पर दया करते हैं। वे हम सब के प्रभु हैं।
हम आत्मन या आत्मा हैं और भगवान शिव परमात्मा हैं जो सबसे बड़ी आत्मा और सर्वोच्च वास्तविकता हैं। ऐसे देवो के देव महादेव भगवान शिव को बारम्बार नमस्कार करते है |
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शिव आवाहन मंत्र के लाभ
- यह मंत्र शिव जी के सभी मंत्रो में प्रसिद्ध मंत्र माना जाता है
- इस मंत्र का जाप करने से शिवजी जी बहुत जल्दी प्रसन हो जाते है
- इस मंत्र का जाप सावन महीने में करना शुभ माना जाता है
- इस मंत्र का 108 बार जाप करने से पापो से मुक्ति मिलती है
- इस मंत्र के जाप से मनुष्य की सभी मनोकामना पूर्ण होती है
- यह मंत्र बेहद शक्तिशाली माना जाता है
शिव आवाहन मंत्र की विधि
- सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर ले
- घर की अच्छे से साफ़ सफाई करे
- घर के मंदिर में शिवजी जी की प्रतिमा रखे
- शिवजी जी को चन्दन का तिलक लगाए
- शिवजी जी के आगे सफ़ेद रंग का फूल चढ़ाये
- शिवजी जी के आगे घी का दीप जलाये
- रुद्राक्ष की माला ले
- शिवजी के आगे 108 मंत्र का जाप करे
- यह जाप सोमवार के दिन,सावन महीने में और शिवरात्रि पर किया जाता है
FAQ’S
शिवजी जी का मंत्र कितनी बार करना चाहिए?
शिवजी जी का मंत्र 108 बार करना चाहिए
कौन से भगवान सबसे जल्दी प्रसन होते है?
शिवजी जी सबसे जल्दी प्रसन होते है