ॐ त्र्यंबकम मंत्र
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महामृत्युंजय मन्त्रः – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
Maha Mrityunjaya Mantra – Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pustivardhanam
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
Om Try-Ambakam Yajaamahe
Sugandhim Pusstti-Vardhanam
Urvaarukam-Iva Bandhanaan
Mrtyor-Mukssiiya Maa-[A]mrtaat ||
Meaning of Maha Mrityunjaya Mantra
1: Om, We Worship the Tryambaka (the Three-Eyed One),
2: Who is Fragrant (as the Spiritual Essence), Increasing the Nourishment (of our Spiritual Core);
3: From these many Bondages (of Samsara) similar to Cucumbers (tied to their Creepers),
4: May I be Liberted from Death (Attachment to Perishable Things), So that I am not separated from the perception of Immortality (Immortal Essence pervading everywhere).
ॐ त्र्यंबकम मंत्र के लाभ
- ॐ त्र्यंबकम मंत्र का जाप करने से हर प्रकार के कष्ट दूर होते है
- ॐ त्र्यंबकम मंत्र का जाप करने से सभी परेशानिया दूर होती है
- यह मंत्र का जाप करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है
- यह मंत्र शिवजी जी का बहुत ही प्रिय मंत्र है
- जो भी जातक इस मंत्र का जाप करता है शिवजी जी उनसे बहुत प्रसन होते है
- इस मंत्र का जाप करने से हर बीमारी से निजात मिलता है
ॐ त्र्यंबकम मंत्र की विधि
- ॐ त्र्यंबकम मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए
- इस मंत्र का जाप शिवलिंग के सामने बैठकर करना चाहिए
- मंत्र जाप शुरू करने से पहले शिवजी पर बेलपत्र,धतूरा और फूल चढ़ाये
- शिवजी जी के सामने दीपक जलाये
- सच्चे मन से मंत्र जाप करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है
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FAQ’S
Q.1 ॐ त्र्यंबकम यजामहे का क्या अर्थ है?
ॐ त्र्यंबकम यजामहे का अर्थ है हम त्रिनेक जी की पूजा करते है
Q.2 सावन में ॐ त्र्यंबकम मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
सावन में ॐ त्र्यंबकम मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए