शुक्र स्त्रोत का पाठ Shukra Stotram
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नमस्ते भार्गव श्रेष्ठ देव दानव पूजित ।
वृष्टिरोधप्रकर्त्रे च वृष्टिकर्त्रे नमो नम: ।।1।।
देवयानीपितस्तुभ्यं वेदवेदांगपारग: ।
परेण तपसा शुद्ध शंकरो लोकशंकर: ।।2।।
प्राप्तो विद्यां जीवनाख्यां तस्मै शुक्रात्मने नम: ।
नमस्तस्मै भगवते भृगुपुत्राय वेधसे ।।3।।
तारामण्डलमध्यस्थ स्वभासा भसिताम्बर: ।
यस्योदये जगत्सर्वं मंगलार्हं भवेदिह ।।4।।
अस्तं याते ह्यरिष्टं स्यात्तस्मै मंगलरूपिणे ।
त्रिपुरावासिनो दैत्यान शिवबाणप्रपीडितान ।।5।।
विद्यया जीवयच्छुक्रो नमस्ते भृगुनन्दन ।
ययातिगुरवे तुभ्यं नमस्ते कविनन्दन ।6।।
बलिराज्यप्रदो जीवस्तस्मै जीवात्मने नम: ।
भार्गवाय नमस्तुभ्यं पूर्वं गीर्वाणवन्दितम ।।7।।
जीवपुत्राय यो विद्यां प्रादात्तस्मै नमोनम: ।
नम: शुक्राय काव्याय भृगुपुत्राय धीमहि ।।8।।
नम: कारणरूपाय नमस्ते कारणात्मने ।
स्तवराजमिदं पुण्य़ं भार्गवस्य महात्मन: ।।9।।
य: पठेच्छुणुयाद वापि लभते वांछित फलम ।
पुत्रकामो लभेत्पुत्रान श्रीकामो लभते श्रियम ।।10।।
राज्यकामो लभेद्राज्यं स्त्रीकाम: स्त्रियमुत्तमाम ।
भृगुवारे प्रयत्नेन पठितव्यं सामहितै: ।।11।।
अन्यवारे तु होरायां पूजयेद भृगुनन्दनम ।
रोगार्तो मुच्यते रोगाद भयार्तो मुच्यते भयात ।।12।।
यद्यत्प्रार्थयते वस्तु तत्तत्प्राप्नोति सर्वदा ।
प्रात: काले प्रकर्तव्या भृगुपूजा प्रयत्नत: ।।13।।
सर्वपापविनिर्मुक्त: प्राप्नुयाच्छिवसन्निधि: ।।14।।
।। इति स्कन्दपुराणे शुक्रस्तोत्रम ।।
शुक्र स्तोत्र के लाभ
- शुक्र ग्रह को सभी सुखों का स्वामी माना जाता है। कहते हैं कि जिस व्यक्ति को ऐसा महसूस होता हो कि उसके जीवन में सुखों की कमी है तो उसे शुक्र देव की आराधना जरूर करनी चाहिए।
- शुक्रवार के दिन शुक्र स्तोत्र का पाठ करने से भी शुक्र देव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति पर भौतिक सुखों की वर्षा करते हैं।
- शुक्र के अनिष्ट नाश और सुख प्राप्ति के लिए हीरा धारण किया जाना चाहिए। जरिकन युक्त शुक्र यंत्र धारण करने से पत्नी सुख, व्यापार और धन में वृद्धि लाभ होता है।
- सौभाग्यवती स्त्रियों को मिष्ठान्न भोजन, श्वेत रेशमी वस्त्र, चांदी के आभूषण आदि का दान करना। स्वर्ण या चांदी का दान करने से शुक्र ग्रह हमेशा प्रसन्न रहते है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है |
- गाय-बछड़े का दान करना या गाय की भूसी या चारा दान करना, शरीर पर सुगंधित पदार्थ लगाना, फटे हुए कपडे न पहनना और न किसी को पहनने देना आदि सामान्य उपायों से शुक्र से उत्पन्न अनिष्ट शांत होते हैं।
- शुक्र से संबंधित वस्तुओं के दान से भी सौंदर्य की प्राप्ति की जा सकती है। शुक्रवार के दिन कपड़े और दही का दान करें। इससे शुक्र के बुरे प्रभाव नष्ट होकर शुभ प्रभावों में वृद्धि होती है।
- पेड़-पौधों की जड़ भी असर कारक होती है। ऐसा मन जाता है की अरंड मूल की जड़ में शुक्र का वास होता हे। इसे अपने ताबीज में भरकर गले या दाहिने बाजू पर शुक्रवार को बांधकर रखें। इससे आपका शुक्र ग्रह शक्तिशाली होगा और तुरंत प्रभाव निश्चित फल देगा |

शुक्र स्तोत्र पाठ की विधि
- स्नान आदि करके पवित्र हो और सफेद या बादामी रंग के कपड़े पहनेें।
- घर के मंदिर की सफाई करें और गंगा जल से शुद्ध करें |
- पूर्व दिशा की ओर मुंह कर एक सफेद रंग के आसन पर बैठ जाएँ |
- धुप और दीपक जला लें , सफेद पुष्प शुक्र ग्रह को अर्पित करें |
- शुक्र देव का ध्यान करते हुए उन्हें प्रणाम करें।
- इसके बाद शुक्र स्तोत्र का पाठ कर उन्हें सफेद मिठाई ( दूध से बानी मिठाई या नारियल की मिठाई ) का भोग लगाएं।
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