बुध स्तोत्र
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बुध स्तोत्र के लाभ
कुंडली में बुध ग्रह बहुत महत्वपूर्ण ग्रह होता है. बुध स्तोत्र का नियमित पाठ करने से कुंडली बहुत बलवान हो जाती है और व्यक्ति बहुत भाग्यशाली हो जाता है.
बुध ग्रह कुंडली में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है क्यूंकि बुध ग्रह भगवान सूर्य जो की कुंडली के राजा है उनका बेटा राजकुमार की तरह माना जाता है. बुध ग्रह स्तोत्र पढ़कर आप बुध ग्रह को बलवान करके आप बहुत लाभ उठा सकते हैं.
श्री बुध स्तुति
जय शशि नन्दन बुध महाराजा,
करहु सकल जन कहं शुभ काजा ।
दीजै बुद्धि बल सुमति सुजाना,
कठिन कष्ट हरि करि कल्याणा ।
हे तारासुत रोहिणी नन्दन,
चन्द्रसुवन दुख द्वन्द्व निकन्दन ।
पूजहिं आस दास कहुं स्वामी,
प्रणत पाल प्रभु नमो नमामी ।
बुध ग्रह का मंत्र
ऊं नमो अर्हते भगवते श्रीमते मल्लि तीर्थंकराय कुबेरयक्ष |
अपराजिता यक्षी सहिताय ऊं आं क्रों ह्रीं ह्र: बुधमहाग्रह मम दुष्टग्रह,
रोग कष्ट निवारणं सर्व शान्तिं च कुरू कुरू हूं फट् || 14000 जाप्य ||
तान्त्रिक मंत्र – ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: || 9000 जाप्य ||